बिरसा मुंडा ने आंदोलन भूमाफियाओं, जमीदारों, सूदखोरों, पाखण्डियों और
बनियों के द्वारा किये जा रहे
आदिवासियों के शोषण,
अत्याचार के विरुद्ध किया था ।
तथाकथित ऊँची जातियों के लोग
भोले भाले आदिवासियों की
जमीनें अपने नाम पर करवा कर
छीनते थे ।
फसल की पैदावार हड़पते थे ।
आदिवासियों में पाखण्ड और
अन्धविश्वास फैलाकर लूटने
का काम करते थे ।
ऐसे लोगों के विरूद्ध बिरसा मुंडा
ने आदिवासियों को संगठित करके आन्दोलन किया था ।
जिसे तथाकथित ऊँची जातियों
के लोगों ने सडयंत्र करके,
अंग्रेजों को गलत जानकारी
देकर, अंग्रेजों की और डायवर्ट
कर दिया ।
वर्तमान में आदिवासियों की
जमीनें कौन छिन्न रहा है ?
200 से भी अधिक जिलों के
आदिवासियों को नक्सलवाद
के नाम पर कौन लोग मार
रहे हैं ?
अंग्रेजों को आदिवासियों के
असली दुश्मनों यानी
असली समस्याओं की जानकारी
मिली तो अंग्रेजों ने आदिवासियों
की जल, जंगल और जमीन
के लिए कानून बना कर लागू
किये, लेकिन 5 वी एवं 6 टी
अनुसूची किसने लागू नहीं होने
दी ?
क्या आदिवासी अपने असली
दुश्मन को जानने की कोशिश
करेंगे ?
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